Satish Pandya* Used worldwide since the Stone Age, the Mask has been the coveted asset of high-profile criminals for concealing their identity, and a favourite of theatre artistes for acquiring a new identity to...
  नन्दिता मिश्र* आज हम जिस दुनिया में जी रहे हैं उसमें संचार और सम्पर्क के साधनों की कोई कमी नहीं है। जितना व्यक्तिगत सम्पर्क इस समय हो रहा है, इतना पहले कभी नहीं...
Sudhirendar Sharma Indifference, apathy,  disconcern or complete disconnect, whatever you call it, is what our bulging urban middle-class is going wherein it seems to have shut itself off from the pressing concerns...
डॉ मधु कपूर* हमें दर्शनशास्त्र की अध्येता एवं प्रोफेसर डॉ मधु कपूर का यह लेख प्राप्त हुआ है जिसमें उन्होंने एक दार्शनिक सिद्धांत को बहुत रुचिकर ढंग से समझाया है। यह लेख...
Satish Pandya* The First Lady of the male dominated Animal Kingdom nee Holy Cow nee Gau-Mata is about to arrive to her new abode. The entire house, decorated with streamers, buntings and balloons,...
राजेन्द्र भट्ट शिक्षा पर मेरे पिछले लेखों (यहाँ, यहाँ और  यहाँ) के बाद पिछली बार (शिक्षा:मुदित-प्रसंग -1) में हम मुदित के, ‘मुदित’ बने रहने के संघर्ष के प्रसंग से दो-चार हुए। अब मुदित-प्रसंग...
राजेन्द्र भट्ट* प्राथमिक शिक्षा पर राजेन्द्र भट्ट का चिंतन-मनन जारी है। इस विषय पर उनके पिछले दो लेख आप यहाँ और यहाँ देख सकते हैं। अपने तीसरे लेख में भी उन्होंने बहुत ज़रूरी सवालों...
    मधुकर पवार* थियेटर में नाटक का मंचन हो रहा है। ज़मींदार को उनका कारिंदा किसी मुद्दे पर सलाह देने को आतुर हो रहा है लेकिन अदब के कारण कहने से सकुचा भी...
मधुकर पवार* दीपावली मुबारक हो आप सभी को! इस अवसर पर हमारी हार्दिक शुभकामनाएं! दीपावली का त्यौहार खूब उमंग और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। होली, दशहरा, दीपावली, ईद और क्रिसमस के...
डॉ मधु कपूर* विभिन्न दार्शनिक सिद्धांतों से परिचित होने के लिए पिछले कुछ सप्ताह में डॉ मधु कपूर के तीन लेख आप पहले पढ़ चुके हैं। पहला था “मैं कहता आँखिन देखी” और...

RECENT POSTS