नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी एक सीमा से आगे उनके फैसलों में दखल देने की स्थिति में नहीं होता था। मुख्यमंत्री के रूप में उनके राजधर्म न निभाने पर...
राजकेश्वर सिंह* “सरहदों पर तनाव है क्या, कुछ पता तो करो चुनाव है क्या”, मरहूम शायर राहत इंदौरी का यह शेर देश की मौजूदा सियासत पर काफी हद तक सटीक बैठती है। सटीक...
राजकेश्वर सिंह* ‘राजनीति में हमेशा दो और दो का जोड़ चार ही नहीं होता’। यह कहावत काफी चर्चित है और सियासत में कई बार इसकी नजीर देखने को भी मिलती है। इन दिनों देश...
राजकेश्वर सिंह* देश में तीन दशक पीछे की राजनीति (33 साल पहले) को याद कीजिए, जब मंडल और कमंडल की राजनीति उबाल पर भी थी। सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण के...
राजकेश्वर सिंह* पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के चलते देश में बने चुनावी मौसम में वैसे तो मुद्दों की भरमार है, लेकिन उसमें जातियों का सवाल बहुत अहम होकर उभरा है। तात्कालिक तौर पर तो...
मधुकर पवार* वैसे तो देश में 12 महीनों कहीं न कहीं चुनाव होते ही रहते हैं। इस समय मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा के चुनाव की घोषणा हो चुकी है और...
राजकेश्वर सिंह* राजनीतिक दलों ने इन दिनों चल रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की भी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। वैसे तो...
राजकेश्वर सिंह* कुछ ही महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के पूर्व यह बात थोड़ी अटपटी लग सकती है कि जब देश में बहुत कुछ राजनीति की मान्य व स्थापित परंपराओं के विपरीत हो...
कर्पूरी ठाकुर जन्मशती 23 जनवरी के अवसर पर विशेष लेख *सुज्ञान मोदी भारत की राजनीतिक संस्कृति का जब भी मूल्यांकन होता है तब प्रायः उसके अप्रिय प्रसंग ही...
The devil of hatred is such that once it becomes the way of life, it seeks new victims one after another.   After Rahul Gandhi decided to contest from Waynad in Kerala, Prime Minister...

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