Onkar Kedia* Day in and day out, we keep hearing stories of unscrupulous builders, cheating hapless consumers. The Amrapali case being handled by Hon’ble Supreme Court is an example. In several Amrapali projects in...
राजकेश्वर सिंह* वजह भले ही कोरोना महामारी हो, लेकिन लोकतंत्र के चुनावी महापर्व में जन प्रतिनिधि बनने की चाहत रखने वालों को अब जनता से सीधे ही रूबरू होना ही होगा। उन्हें उनके आमने-सामने...
राजकेश्वर सिंह* राजनीति में दो समानांतर काम हमेशा होते रहते हैं। एक सामने से, जो सबको दिखाकर किया जाता है। दूसरा काम पर्दे के पीछे चलता रहता है, जिसके नतीजे किसी खास समय पर...
क्या यह बेहतर ना होता कि प्रियंका गांधी अपनी ऊर्जा ऐसे राज्यों में लगातीं जहां कांग्रेस को खोई हुई ज़मीन पाने की ज़्यादा उम्मीद है। ऐसे राज्यों में आप हाल ही में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को...
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी एक सीमा से आगे उनके फैसलों में दखल देने की स्थिति में नहीं होता था। मुख्यमंत्री के रूप में उनके राजधर्म न निभाने पर...
राजकेश्वर सिंह* राजनीतिक दलों ने इन दिनों चल रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की भी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। वैसे तो...
राजेंद्र भट्ट* मीडिया यानि जो संवाद कराए, अकेलेपन को तोड़े और इकतरफा सोच ओर पूर्वाग्रह से बाहर निकाल कर एक समग्र, सुकून देने वाली समझ बनाए। लेकिन हमारे दौर का जो ‘सोशल’ और...
राजकेश्वर सिंह* पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के चलते देश में बने चुनावी मौसम में वैसे तो मुद्दों की भरमार है, लेकिन उसमें जातियों का सवाल बहुत अहम होकर उभरा है। तात्कालिक तौर पर तो...
कर्पूरी ठाकुर जन्मशती 23 जनवरी के अवसर पर विशेष लेख *सुज्ञान मोदी भारत की राजनीतिक संस्कृति का जब भी मूल्यांकन होता है तब प्रायः उसके अप्रिय प्रसंग ही...
प्रियदर्शी दत्ता* विद्युतीकरण का आधे से भी ज़्यादा काम बाकी है जबकि प्रचार कुछ ऐसा है कि मानो ज़रा सा काम बचा है भारतीय रेलवे ने अपने सम्पूर्ण परिपथ...

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