सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी*
समाज और राज्य – ये दो तंत्र ऐसे हैं जो प्रकृति के विरुद्ध सर्वाधिक अराजकता पैदा करते हैं। सुनने में अटपटा लगेगा, लेकिन सबसे सफल अराजक तंत्र ही संरक्षित रह...
Vijay Singh*
COVID-19 has affected the global economy adversely in every sector including tourism .The rapid spread of coronavirus crippled domestic and trade activities, and disrupted routine activities of many nations bringing their...
जयशंकर गुप्त*
नियति बहुत ही क्रूर और निष्ठुर होती है. उसे क्या पता कि देश और समाज को किसकी कितनी जरूरत है. उसने बीते दो दिनों के भीतर जन सरोकारों से जुड़े सामाजिक...
राजकेश्वर सिंह*
देश के मौजूदा सारे संकट एक तरफ़ हैं, लेकिन एक नया संकट इन दिनों जेरे बहस है। इस बहस की धार दिनों-दिन तेज़ होती जा रही है। सवाल बढ़ते जा रहे...
राजकेश्वर सिंह*
ज़रा सोचें कि देश के किसी सरकारी कार्यालय में किसी नागरिक की आमद पर क्या सरकारी मुलाज़िम उसके साथ वैसे पेश आता है, जैसा कि लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में जनता के...
The devil of hatred is such that once it becomes the way of life, it seeks new victims one after another.
After Rahul Gandhi decided to contest from
Waynad in Kerala, Prime Minister...
कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र कश्मीर समस्या के हल के लिए एक स्पष्ट रोड-मैप लेकर आया है। पार्थिव कुमार* इस लेख में बता रहे हैं कि कैसे जम्मू-कश्मीर के मसले को लेकर एनडीए सरकार की नीयत...
क्या यह बेहतर ना होता कि प्रियंका गांधी अपनी ऊर्जा ऐसे राज्यों में लगातीं जहां कांग्रेस को खोई हुई ज़मीन पाने की ज़्यादा उम्मीद है। ऐसे राज्यों में आप हाल ही में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को...
Sudhirendar Sharma*
German
Chancellor Otto von Bismarck's 19th century remarks have come to life - 'people
never lie as much during a war or before an election'. Perhaps, it is the most
convenient thing to do,...
प्रियदर्शी दत्ता*
विद्युतीकरण का आधे से भी ज़्यादा काम बाकी है जबकि प्रचार कुछ ऐसा है कि मानो ज़रा सा काम बचा है
भारतीय रेलवे ने अपने सम्पूर्ण परिपथ...