जयगोपाल* कबीर मौलिकता की प्रतिमूर्ति थे। उनकी मौलिकता बेमिसाल है। वे आद्योपान्त मौलिक थे। उनका स्वावलम्बन मौलिक था,  उनका व्यक्तित्व, उनका लिबास – सभी मौलिक था। सिर पर देशी सूत का बना एक टोपा,...
क्षणिकाएं १- एक पंक्ति जब मचाती हैअंतर्द्वंद मध्यरात्रिभोर तक उसकादम घुट चुका होता है२-बड़ी बेचैन थी वो पंक्तिखुद को पन्ने परन्योछावर करने कोऔर अपनी काया परचित्रकारी पाने को३-पंक्तियों का पंक्तिबद्ध ना होनाअर्थ के अनर्थ...
विशाख राठी* पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार (17 दिसंबर) को पुस्तक आंदोलन से जुड़ी प्रमुख कार्यकर्ता और कई महत्वपूर्ण पुस्तकों की अनुवादक चंद्रकिरण राठी कोरोना के बाद उत्पन्न जटिलताओं के कारण चल बसीं। श्रीमती राठी...
धर्म पर तो सदियों से लिखा जा रहा है और यह स्तंभकार बिना गूगल की मदद के निश्चयपूर्वक ये कह सकता है कि जब से मानवता ने लिखना-पढ्ना सीखा है, या बल्कि उससे पहले यदि श्रुति-परंपरा के...
अजय तिवारी* सरकार ने किसानों को आमदनी दोगुनी करने के नाम पर जितना गुमराह किया है उसकी कहीं मिसाल नहीं मिलती। सरकार गुमराह उन छोटे और सीमांत किसानों को कर रही है,जिनकी संख्या देश...
सत्येन्द्र प्रकाश* हम हैं लिट्टी-चोखा - भारत के एक ‘पिछड़े’ प्रांत के व्यंजन! शुरुआत में ही दो बातों की माफी मांग लेते हैं। पहला, अपने उद्भव के प्रांत को पिछड़ा कहना। दूजा स्वयं को...
Come, Let’s Go Inside the Temple Dr Uma Shankari* How does the temple look from outside? The temple is essentially a square room with a pyramid standing...
सुख और दुख पर सात लघु कवितायें इस वेब-पत्रिका में अजंता देव की कविताओं की यह चौथी कड़ी है। पहले आप उनकी कविताएं यहाँ , यहाँ और यहाँ पढ़ चुके हैं। अपनी...
Manoj Pandey* The provocation for this article is many social media comments claiming that electric vehicles are totally pollution-free,  or stating that total replacement of petrol and diesel with ethanol is the only way...
Mayank Agrawal* There is a visible trend among the modern Indian authors to pick themes from the ancient Indian literature and the popular legends, and present them differently with their own interpretation of the...

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