राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती – 3
पिछली बार नल-दमयंती की
प्रेम- कथा की बात कही थी। नोट कीजिए कि ये प्रेम-कथा हमारे संस्कृत ग्रंथ ‘महाभारत’ में है। बल्कि इस...
राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती - 2
पिछली
बार ज़िक्र किया था कि गीता में कितने सुंदर तरीके से स्वयं कृष्ण कहते हैं कि
अगर जड़ वैराग्य सही रास्ता...
राजेन्द्र भट्ट
लगता है कि हम इस समय एक बड़े नक्कारखाने में
हैं जिसमें, सीधे-सीधे कहें तो ‘पोस्ट-ट्रुथ’ का शोर, धोंस-पट्टी और बेसुरापन है। सोशल मीडिया ने
सम्पादकीय संस्था तथा तथ्यों की पड़ताल के फिल्टर...
आलोक कुमार*
सुप्रीम कोर्ट
ने पिछले दिनों एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। देश के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय तक
को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के अधीन कर दिया। यह मामला 2010 से लंबित...
राजेन्द्र भट्ट
14 अप्रैल को डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर की जयंती है। कहाँ से शुरू करें? इतना विराट-बहुआयामी व्यक्तित्व; और कितना कुछ उनके व्यक्तित्व-कृतित्व के हर पक्ष पर, हर नजरिए से कहा जा चुका...
अरविंद मोहन*
गाँधी की पत्रकारिता बहुत बड़ा विषय है- शायद मेरे
जैसे लोगों से न सम्हलने वाला। उनके एक अखबार ‘इंडियन ओपिनियन’ पर वर्षों का समय लगाकर एलिजाबेथ हाफ्मेयर ने ‘द गाँधी प्रेस’
जैसी...
Astha Savyasachi*
Recently over 150 children died in Muzaffarpur
district of Bihar due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) or popularly known as ‘chamki bukhar’ in extremely
unfortunate circumstances, which could have been easily prevented. In 2017...
डॉ गोपाल कृष्ण*
भारत सरकार सभी प्रकार के एस्बेस्टस के खनन और एस्बेस्टस कचरे के
व्यापार पर प्रतिबंध को लेकर ज़रूरी सहमति
बनाने में नाकाम रही है। उसने जिनेवा बैठक में हानिकर रसायनों की संयुक्त...
डॉ गोपाल कृष्ण*
इन दिनों स्विट्ज़रलैंड की राजधानी
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की परिसंकटमय जहरीले रसायनों के विषय पर एक सम्मलेन चल
रहा है। यह सम्मलेन 29 अप्रैल
को शुरू हुआ और 10
मई को समाप्त होगा।...
इस सरकार ने मीडिया के पतन को सार्वजनिक कर दिया है और अब कुछ भी छिपा नहीं रहा। चिंता की बात ये है कि यदि सरकार बदल भी जाती है तो भविष्य की सरकारों को यह...