पार्थिव कुमार*
कोविड 19 की वैश्विक महामारी का मुकाबला करने में डॉक्टरों और अन्य चिकित्साकर्मियों का किरदार सबसे अहम है। वे दवाओं, उपकरणों और अन्य संसाधनों की घोर तंगी के बावजूद अपनी जान...
राजेन्द्र भट्ट
14 अप्रैल को डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर की जयंती है। कहाँ से शुरू करें? इतना विराट-बहुआयामी व्यक्तित्व; और कितना कुछ उनके व्यक्तित्व-कृतित्व के हर पक्ष पर, हर नजरिए से कहा जा चुका...
राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती – 6
लंबे अंतराल तक किसी अनिष्ट की
आशंका जैसी जड़ता-हताशा मन पर छाई थी। मित्र लोगों
की प्रेरणा, दिलासों और फिर थोड़ा चिढ़े हुए उलाहनों...
राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती – 5
रेलवे स्टेशन के पास वह एक सँकरे
घरों-गलियों वाली ‘मुस्लिम’ बस्ती थी। उर्दू में बहुत सारे
पोस्टर-झंडियाँ लगी थीं। उस छोटे शहर की अपनी...
राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती – 5
कैसे होते हैं सच्चे वीर? क्या
होती है वीरता? हम बड़े भाग्यवान हैं कि देश के जन-जन में, कण-कण में बसे राम हमारे...
राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती – 4
बहुत समय से मैं ‘सेन वॉइस’ यानि विवेकपूर्ण आवाज़ के बारे में कुछ लिखना चाहता रहा हूँ। इसके पीछे एक प्रसंग है...
राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती – 3
पिछली बार नल-दमयंती की
प्रेम- कथा की बात कही थी। नोट कीजिए कि ये प्रेम-कथा हमारे संस्कृत ग्रंथ ‘महाभारत’ में है। बल्कि इस...
राजेन्द्र भट्ट
नक्कारखाने में तूती - 2
पिछली
बार ज़िक्र किया था कि गीता में कितने सुंदर तरीके से स्वयं कृष्ण कहते हैं कि
अगर जड़ वैराग्य सही रास्ता...
राजेन्द्र भट्ट
लगता है कि हम इस समय एक बड़े नक्कारखाने में
हैं जिसमें, सीधे-सीधे कहें तो ‘पोस्ट-ट्रुथ’ का शोर, धोंस-पट्टी और बेसुरापन है। सोशल मीडिया ने
सम्पादकीय संस्था तथा तथ्यों की पड़ताल के फिल्टर...
आलोक कुमार*
सुप्रीम कोर्ट
ने पिछले दिनों एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। देश के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय तक
को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के अधीन कर दिया। यह मामला 2010 से लंबित...