अजय तिवारी* सरकार ने किसानों को आमदनी दोगुनी करने के नाम पर जितना गुमराह किया है उसकी कहीं मिसाल नहीं मिलती। सरकार गुमराह उन छोटे और सीमांत किसानों को कर रही है,जिनकी संख्या देश...
विशाख राठी* बछड़ों से हैं हम -- गूंगे, भूखे  बछड़े हम हैं गऊ -पालक -- पर खाता दूध, मलाई कोई और है     ख़ून पसीने से सींचते हैं खेत, उगाते...
पार्थिव कुमार* भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर जबर्दस्त उत्साह है। अगले आम चुनावों से कुछ महीने पहले लागू की गयी इस योजना के तहत...
साउथ एशियन डायलौग ऑन इकोलाजिकल डेमोक्रेसी का फोकस रहता है ‘हरित स्वराज‘ पर उसमें आज जो एक मिलता-जुलता शब्द निकला है और प्रचलन में है वो है ‘सस्टनेबल

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