अपनी हाल ही की जयपुर यात्रा के दौरान मेरी मुलाक़ात हुई पर्यावरणविद और जलयोद्धा लक्ष्मण सिंह जी से जो जयपुर से करीब 80 किमी की दूरी पर स्थित लापोड़िया गाँव से हैं। जल संरक्षण के अपने मौलिक...
मनोज पांडे*  इस पोस्ट में मैं आपस में जुड़ी तीन बातों पर चर्चा करूंगा: ब्लॉगिंग है क्या, इसके क्या फायदे हैं और सरल तरीके से ब्लॉग बनाया कैसे जाए.  तो चलिए शुरू...
सुधीरेन्द्र शर्मा* दोहराना तो हमारे जीवन का जैसे मूल मंत्र है। सुबह से शाम तक सब कुछ दोहराया जाता है, बिना यह जाने कि ऐसा क्यों है और क्यों हम दोहराने से थकते नहीं।...
डॉ मधु कपूर* विभिन्न दार्शनिक सिद्धांतों से परिचित होने के लिए पिछले कुछ सप्ताह में डॉ मधु कपूर के तीन लेख आप पहले पढ़ चुके हैं। पहला था “मैं कहता आँखिन देखी” और...
नन्दिता मिश्र* ऊपर का यह चित्र हमारे घर पर हाथ से बनी राखी का चित्र है। जब मैं छोटी थी तब अम्मा सुंदर-सुंदर राखियाँ बना कर मेरे नाम से...
Sudhirendar Sharma Indifference, apathy,  disconcern or complete disconnect, whatever you call it, is what our bulging urban middle-class is going wherein it seems to have shut itself off from the pressing concerns...
राजेंद्र भट्ट शिक्षा पर मेरे पिछले लेखों (यहाँ, यहाँ और  यहाँ,  और हाल ही में मुदित प्रसंग के बहाने यहाँ और यहाँ) में आए मुद्दों के अलावा एक और मुद्दे की तरफ ध्यान...
Weekend Musings Sudhirendar Sharma* Aren’t there two distinct sets of persons - one, whom we term ‘friend’ and the other, the ‘enemy’? Aren’t both identities embedded in one person...
राजेन्द्र भट्ट* प्राथमिक शिक्षा पर राजेन्द्र भट्ट का चिंतन-मनन जारी है। इस विषय पर उनके पिछले दो लेख आप यहाँ और यहाँ देख सकते हैं। अपने तीसरे लेख में भी उन्होंने बहुत ज़रूरी सवालों...
मधुकर पवार* दीपावली मुबारक हो आप सभी को! इस अवसर पर हमारी हार्दिक शुभकामनाएं! दीपावली का त्यौहार खूब उमंग और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। होली, दशहरा, दीपावली, ईद और क्रिसमस के...

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