अजय तिवारी* राजनीति में कटुता बढ़ती ही जा रही है जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सरकारी आवास रिक्त कराना सिर्फ एक बंगले का मामला...
राजकेश्वर सिंह* कुछ ही महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के पूर्व यह बात थोड़ी अटपटी लग सकती है कि जब देश में बहुत कुछ राजनीति की मान्य व स्थापित परंपराओं के विपरीत हो...
विजय प्रताप* आज सुबह सवेरे श्री जार्ज फर्नांडीस के न रहने से भारतीय राजनीति में समाजवादी संगठन की राष्ट्रीय पहचान का एक दौर पूरा हुआ। अब आने वाली पीढ़ी 1934 में बनी कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की विरासत...
राजकेश्वर सिंह* देश के मौजूदा सारे संकट एक तरफ़ हैं, लेकिन एक नया संकट इन दिनों जेरे बहस है।  इस बहस की धार दिनों-दिन तेज़ होती जा रही है। सवाल बढ़ते जा रहे...
जयशंकर गुप्त* नियति बहुत ही क्रूर और निष्ठुर होती है. उसे क्या पता कि देश और समाज को किसकी कितनी जरूरत है. उसने बीते दो दिनों के भीतर जन सरोकारों से जुड़े सामाजिक...
राजकेश्वर सिंह* ‘राजनीति में हमेशा दो और दो का जोड़ चार ही नहीं होता’। यह कहावत काफी चर्चित है और सियासत में कई बार इसकी नजीर देखने को भी मिलती है। इन दिनों देश...
राजकेश्वर सिंह* वजह भले ही कोरोना महामारी हो, लेकिन लोकतंत्र के चुनावी महापर्व में जन प्रतिनिधि बनने की चाहत रखने वालों को अब जनता से सीधे ही रूबरू होना ही होगा। उन्हें उनके आमने-सामने...
Dheep Joy Mampilly* This article deals with some issues relating to the Indian bureaucracy. The question “Has the IAS Failed the Nation” refuses to go since decades despite the fact that scores of social...
राजकेश्वर सिंह* “सरहदों पर तनाव है क्या, कुछ पता तो करो चुनाव है क्या”, मरहूम शायर राहत इंदौरी का यह शेर देश की मौजूदा सियासत पर काफी हद तक सटीक बैठती है। सटीक...
Mudrarakshasa Prime Minister Modi is perhaps the first Chief Minister to have a real stint as the Prime Minister of India. Devegowda  and VP Singh too were very successful Chief Ministers before becoming Prime...

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