‘खिचड़ी सरकारों’ का कार्यकाल आर्थिक विकास के लिए अच्छा ही रहा है! आज की बात आजकल व्हाट्सएप्प और सोशल मीडिया पर राजनीति के नाम पर जो संदेश आ रहे...
इस स्तंभकार के बहुत से जानकार इस बात को लेकर परेशान हो सकते हैं कि उनका ये मित्र लोकपाल विषय को तमाशा बताकर इसे हल्के में क्यूँ ले रहा है।
आज की बात आज टाइम्स ऑफ इंडिया में और बीते दिन यानि कल इंडियन एक्सप्रेस में इस आशय की खबरें आईं कि सुप्रीम कोर्ट के नवगठित ‘कोलेजियम’ ने अपने ही साथी जजों द्वारा कुछ हफ्ते...
भाजपा के जो प्रतिबद्ध टाइप वोटर हैं, वह तो थोड़ा-बहुत नाराज़ होते हुए भी उसके पक्ष मे वोट करने जाएँगे ही लेकिन पार्टी के रणनीतिकारों ने क्या इस पर विचार किया कि उसके इस कदम से दलित और पिछड़े वर्ग के लोग भाजपा के खिलाफ ज़्यादा शिद्दत से गोलबंद हो सकते हैं?

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