अखबारों से
‘अखबारों से’ स्तम्भ को नियमित रूप से लिखने
का इरादा था लेकिन सब बात वहीं आ कर रुक जाती है कि फिलहाल अकेले सब कुछ करना है –
अपना लेखन भी, दूसरों...
अखबारों से - 6
इस कड़ी में आज हम करण थापर का लेख जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर हमला बोला है लेंगे। फिर सीमा चिश्ती ने इंडियन एक्सप्रेस में राजनीतिक दलों की एक...
अखबारों से - 4
आज के स्तंभ में हम ज़्यादा लेख चुन सकते थे लेकिन जैसा कि पहले एक बार संकेत किया था, ये सब काम अकेले ही करना होता है तो जितना...
अखबारों से – 10
अंग्रेज़ी अखबारों में गठबंधन सरकारें बुरी नहीं होती बल्कि कई मायनों में बेहतर
होती हैं, यह विमर्श लगातार चल रहा है। आज भी
कम से कम दो अखबारों में इस विषय...
अखबारों से – 9
आज के इकॉनॉमिक टाइम्स में संजय हजारिका का मुख्य-लेख है जिसका निहितार्थ
यही है कि भारत जैसे जटिल देश के लिए एक मिली-जुली सरकार ही सर्वश्रेष्ठ साबित हो सकती
है...
अखबारों से – 7
प्रधानमंत्री द्वारा राजीव गांधी के लिए अनुचित भाषा प्रयोग
महात्मा गांधी के पौत्र एवं चक्रवर्ती राजगोपालाचार्या के
नाती राजमोहन गांधी ने अपनी पहचान विचारक, दार्शनिक एवं लेखक...
अखबारों से - 2
कल से शुरू की गई इस शृंखला में आज हम सुप्रीम कोर्ट के
मुख्य न्यायाधीश रंजन
गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी पर और...
अखबारों से - 5
रविवार, 5 मई को अखबारों के कुछ लेखों का सार और हमारा मत
आसान नहीं ‘न्याय’ की राह
स्वाति...
अखबारों से - 3
कल हमने इस स्तम्भ के लिए जो लेख लिए थे, वो
सभी संयोग से एक ही विषय पर थे। आज हमने जो लेख आपके लिए छांटे हैं वो सभी अलग...
अखबारों से – 8
मांग में कमी अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर
आर्थिक खबरों का प्रतिष्ठित दैनिक HT मिंट अपने गंभीर और गहरे लेखों के लिए जाना जाता है। उसने...