अजंता देव*
वह थोड़ा हंसा और सोचने लगा कि री की नज़र कहाँ-कहाँ जाती थी। उसे कई बार अपना जीवन बेस्वाद लगता था - वही एक कमरा, वही एक काम। सुबह से...
पुष्पिता अवस्थी*
1. वसंत
धरती से उपजता है वसंत
अंगड़ाई लेता हुआ हवाओं में
बदल देता है पृथ्वी को
अपनी ही प्रकृति...
1 -
ज़िन्दगी के इस सफ़र में आये कैसे मरहलेबघनखे हाथों में लेकर लोग मिलते हैं गले !
मैं जिरहबख़्तर पहनकर घूमता हूं शहर मेंऔर आख़िर दूर करता हूं दिलों...
क्षणिकाएं
१- एक पंक्ति जब मचाती हैअंतर्द्वंद मध्यरात्रिभोर तक उसकादम घुट चुका होता है२-बड़ी बेचैन थी वो पंक्तिखुद को पन्ने परन्योछावर करने कोऔर अपनी काया परचित्रकारी पाने को३-पंक्तियों का पंक्तिबद्ध ना होनाअर्थ के अनर्थ...
राकेशरेणु*
स्त्री - एक
एक दाना दोवह अनेक दाने देगीअन्न के।
एक बीज दोवह विशाल वृक्ष सिरजेगीघनी छाया और फल के।
एक कुआँ खोदोवह जल...
Satish Pandya*
Is she awake? Yes. Vicky’s pampered spouse, Nancy, gets up with a lazy yawn after her suave hubby coaxes her by patting her bare midriff, and placing a...
विपुल मयंक*
प्रिंसि का ऑफ़िस भरा था – खचाखच। टीचर्स, डीन, स्टूडेंट्स यूनियन के मेंबर्स, प्रिन्सपल खुद और था एक्यूसड् – आलोक जोशी।
आलोक कॉलेज का फेमस डिबेटर था। कल हॉस्टल...
Rocky Gauri*
1. The Truth pen
Old pen died drawing
Its final word-- beautiful
Young pen begins drawing
Its first word –...
पारुल हर्ष बंसल*
-1- चाहत
तुमने मुझे चाहा
और मैंने तुम्हें चाहा
रहमत बरसाए उनपे खुदा
जिन्होंने तुम्हें और मुझे...
Nupur Joshi*
When Kavi was a young girl
she would sit by her window sill
looking out at her garden,
dreaming...