क्या बदल गया है आयकर नियमों में अप्रैल 2021 से?

नितिन प्रधान *

वित्त वर्ष 2020-21 समाप्त हो चुका है। अब हम कल से नए वित्त वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। आपको अब बीते वित्त वर्ष का रिटर्न दाखिल करने की तैयारी करनी है। इसके लिए ज़रूरी है कि समय से पहले ही रिटर्न दाखिल करने के लिए आवश्यक अपने ज़रूरी दस्तावेज एकत्र कर लें। नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख की घोषणा सरकार करेगी जो अमूमन 31 जुलाई होती है। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप पहले से ही इसकी तैयारी रखेँ ताकि रिटर्न दाखिल करते वक्त आपको किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। रिटर्न दाखिल करते वक्त आपको एक बात जो खासतौर पर ध्यान रखनी है कि टैक्स छूट के संबंध में आपको बीते वित्त वर्ष के लिए लागू टैक्स नियमों के अनुसार ही छूट का लाभ लेना है।

यह बताना इसलिए आवश्यक है कि पहली फरवरी 2021 को संसद में बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स संबंधी कई नियमों में बदलावों की घोषणा की थी। ये नियम पहली अप्रेल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से लागू हो जाएंगे। लेकिन इनका लाभ करदाता अब साल 2021-22 का रिटर्न दाखिल करते वक्त ही उठा सकते हैं। इसलिए यह ध्यान रखें कि बीते वित्त वर्ष का रिटर्न दाखिल करते वक्त चूक न हो। आइए अब आपको बताते हैं कि नए वित्त वर्ष से टैक्स संबंधी किन नियमों में बदलाव लागू हो जाएगा।

टैक्स सम्बन्धी कौनसे नियम बदले हैं

  • वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट के जरिए जो पहला बदलाव टैक्स संबंधी नियमों में किया है वह भविष्य निधि यानी प्रॉविडेंड फंड में किये जाने वाले योगदान से संबंधित है। अब नए वित्त वर्ष से पीएफ में 2.5 लाख रुपये से अधिक का सालाना योगदान पर टैक्स की देनदारी होगी। अभी तक प्रॉविडेंड फंड के तहत किया जाने वाला योगदान कर मुक्त था। लेकिन नए वित्त वर्ष में यदि कोई भी एम्प्लाई अपने ईपीएफ यानी एम्प्लाई प्रॉविडेंड फंड में साल भर में 2.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान करता है तो इस सीमा से परे किये जाने वाले योगदान पर जितना भी ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी वह राशि आपकी कर योग्य आय में जुड़ेगी। हालांकि इसका असर अधिक उच्च वेतनभोगी एम्प्लाई वर्ग पर ज्यादा होगा क्योंकि उनका पीएफ योगदान भी उतना ही अधिक होगा।
  • बुज़ुर्ग नागरिकों के लिए इस साल के बजट में सबसे बड़ी राहत टैक्स रिटर्न दाखिल करने से छूट के तौर पर मिली है। अब ऐसे बुज़ुर्ग जिनकी आयु 75 वर्ष या इससे अधिक है, उन्हें टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करना होगा। हालांकि वित्तमंत्री ने इसके लिए ऐसे नागरिकों पर एक शर्त लगा दी है। शर्त यह है कि उन्हें पेंशन और ब्याज पर होने वाली आय एक ही बैंक से प्राप्त हो। ऐसा नहीं हो सकता कि पेंशन पाने वाला एक बैंक हो और बुज़ुर्ग नागरिक सावधि जमा या निवेश के अन्य विकल्पों के लिए दूसरे बैंक का सहारा लें। ऐसा होने पर उन्हें टैक्स रिटर्न दाखिल करने की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्त उन बुज़ुर्ग नागरिकों को भी इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा जिनकी आमदनी का ज़रिया पेंशन के अतिरिक्त कुछ और भी होगा।
  • तीसरा बदलाव टीडीएस (TDS) के संबंध में है। टीडीएस यानी ‘टैक्स डिडक्शन एट सोर्स’ अर्थात आय के स्रोत पर कर कटौती। पहली अप्रैल 2021 से आयकर अधिनियम में दो नए सेक्शन 206AB और 206CCA जुड़ गये हैं। इन दोनों सेक्शन के जुड़ने का मतलब यह हुआ कि जिन व्यक्तिगत आयकरदाताओं ने पिछले दो साल में आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है और उनका टीडीएस या टीसीएस 50000 रुपये से अधिक है तो उन्हें न्यूनतम पांच प्रतिशत टीडीएस या टीसीएस का भुगतान करना होगा। इसके लिए टीडीएस या टीसीएस की कटौती करने वालों को उस व्यक्ति से आइटीआर दस्तावेज एकत्र करने के लिए जिम्मेदार बनाया गया है।

अगले वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त आप इन बदलावों के तहत लाभ उठा सकते हैं। यहां यह याद दिलाना भी ज़रूरी है कि सभी के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अत्यंत आवश्यक है। कोविड के चलते यदि आप किसी कारणवश वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाये हैं तो बेहतर होगा कि आप बीते वित्त वर्ष का रिटर्न दाखिल करने से पहले ही इस काम को अंजाम दे दें। आयकर रिटर्न करना आपके लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अब इसकी आवश्यकता बैंकों से कर्ज़ लेने, विदेश जाने के लिए वीज़ा लेने और अन्य कई महत्वपूर्ण  कार्यों के लिए होती है। इसलिए देर न करें और अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने की तैयारी करें।

*दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख रहे नितिन प्रधान बीते 30 वर्ष से मीडिया और कम्यूनिकेशन इंडस्ट्री में हैं। आर्थिक पत्रकारिता का लंबा अनुभव।

Cover Picture : Nataliya Vaitkevich from Pexels

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