ओंकार केडिया
परिंदों!
मत इतराओ इतना
और भ्रम में मत रहना
कि यह दुनिया अब
हमेशा के लिए तुम्हारी हुई!
बस कुछ ही दिन लगेंगे कि
हम फिर निकलेंगे बाहर
पूरी ताकत से
और ले लेंगे तुमसे वापिस
अपनी सड़कें अपने पार्क और अपने स्वीमिंग पूल!
याद रखना तुम वापसी के अपने रास्ते
और अपने घोंसले, डालियाँ, झाड़ियां
या छिपने की और जगहें
जहाँ तुम्हें लौटना होगा जल्द ही!
सहेज कर रखना अपने पंख
और मत भूलना उड़ना
या फिर वापसी के रास्ते!
जल्द ही लौटना है हमें अपनी
उसी पुरानी दुनिया में
और तुम्हें भी!
