पूनम जैन*
राम तो बसते हैं हर कण में, हर मन में
वो हो श्रमिक, किसान या दलित हर जन में
जहां इनका श्रम है, वहीं राम का मन्दिर है
इस धरती, जल और हर घर-आँगन में!
जिस दिन हर गरीब पेट भर खाएगा
श्री राम को भोग खुद ही लग जाएगा
सर पर छत मिलेगी जब हर जन को
राम का मन्दिर तो खुद ही बन जाएगा!
हर जन के प्रिय पुरुषोत्तम थे राम
उनको भला राजनीति से क्या काम
उनको को तो शबरी के बेर भाते हैं
उनको तुम्हारे पकवानों से क्या काम!
कण-कण में राम, हर मन में है नाम राम का
आचरण में लानी होगी मर्यादा राम की और
तब बनेगा हर मन में मंदिर राम का !
Ati sundar Kavita!!
This is so great! Words used in the best way possible to address the feelings of every single indian at this moment.
Beautifully written..
Very nice ??
Bahut hi sunder Kavita????
Lajawab kavita?
दिल से निकली अभिव्यक्ति!!
Beautifully written with a wonderful message! 😀
“राम जन जन में, राम मन मन में ”कविता में कवयित्री ने नर सेवा नारायण सेवा के सन्देश को बडे़ सरल शब्दो मे प्रस्तुत किया है।जो लोग राम के नाम पर राजनीति कर रहे है उन्हें स्पष्ट सन्देश दिया है कि जिस दिन देश से गरीबी,बेरोजगारी,लाचारी,भुखमरी खत्म हो जायेगी उस दिन न केवल अयोध्या में बल्कि भारत के हर घर में निर्विवाद राम का मन्दिर बन जायेगा।जिसकि भव्यता कि प्रशंसा पुरी दुनिया में होगी।
Beautiful and inspiring poem
“राम जन-जन में, राम मन-मन में” एक भावपूर्ण कविता है, जिसमें कवयित्री ने वर्तमान समय की विसंगति पूर्ण परिस्थितियों पर प्रकाश डाला है। साथ राम तत्व की सर्वव्यापकता को दर्शाते हुए दरिद्र-नारायण की पूजा के लिए भी प्रेरित किया है। कवयित्री के कुशल प्रयास के लिए शुभकामनाएं।
देशज्ञाचार्य
बहुत सरल, सहज, मानवीय, उम्मीद जगाने वाली कविता।
सारे लोग इतने सरल, इतने समझदार क्यों नहीं हो जाते!