अखबार में खाना रखने, परोसने, खाने से आ सकती हैं भयंकर बीमारियाँ

इस वेब पत्रिका पर नियमित आने वाले पाठक मनोज पांडे* के नाम से परिचित होंगे जिन्होंने UNDER THE LENS केटेगरी के तहत पचास से भी ज़्यादा लेख लिख कर अलग-अलग विषयों की गहन पड़ताल की है. इस केटेगरी में उनका पहला लेख Is Numerology a Science or a Myth करीब तीन वर्ष पहले प्रकाशित हुआ था. अंग्रेज़ी में लिखे गए इन लेखों के साथ-साथ अभी हाल ही में उन्होंने अपने  यूट्यूब चैनल @kitnasachkitnajhooth हिंदी में वीडियो बनाना शुरू किया है . इस चैनल पर उन्होंने जनोपयोगी विषयों पर वीडियो बनाने  की शुरुआत की है जिनमें वह सही और गलत की पड़ताल करते हैं. उनका आज रिलीज़ हुआ वीडियो हम उनकी टिप्पणी के साथ यहां लिंक देते हुए प्रकाशित कर रहे हैं. उनके सभी वीडियो हम यहां एक-एक करके प्रकाशित करेंगे. आज रिलीज़ हुआ वीडियो आप लिंक पर जाकर वीडियो अवश्य देखें. 

मनोज पांडे*

इस छोटे से वीडियो में चर्चा करते हैं कि क्यों अखबार और मैगजीन के कागज, चाहे वो नए ही क्यों न हों, भयंकर बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। अखबारी कागज को बनाने और उसकी प्रिंटिंग में जो केमिकल इस्तेमाल में आते हैं वो हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. यह स्थापित तथ्य है कि अखबारी कागज़ के इन केमिकल्स से gall bladder तथा lungs के कैंसर भी पैदा कर सकते हैं!

खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और उनकी शुद्धता जांचने परखने के लिए  करने के लिए बनाई गई अथॉरिटी FSSAI ने भी हाल में इस बारे में चेतावनी जारी की है। नीचे दिए गए लिंक पर आप यह वीडियो देख सकते हैं. 

*मनोज पाण्डे पूर्व सिविल सेवा अधिकारी हैं। उनका ब्लॉग आप https://manoj-pandey.blogspot.com पर देख सकते हैं। इस वेब पत्रिका में उनके लेख UNDER THE LENS केटेगरी के तहत देख सकते हैं. 

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