डॉ मधु कपूर* द्वारा पुस्तक समीक्षा प्रमुख भाषाविद एवं भाषा विज्ञानी डॉ सुरेश पंत की पिछले वर्ष प्रकाशित हुई बहुचर्चित पुस्तक ‘शब्दों के साथ-साथ’ का दूसरा भाग भी हाल ही में प्रकाशित...
डॉ मधु कपूर* बहाना भाषा का, ख़ज़ाना शब्दों का जाने-माने भाषाविद डॉ सुरेश पंत की पिछली पुस्तक “शब्दों के साथ-साथ” खूब चर्चित रही और एक वर्ष की अल्प-अवधि में...
नरेश शांडिल्य* द्वारा मोहन राणा के कविता संग्रह 'एकांत में रोशनदान' की समीक्षा मोहन राणा इस वेब-पत्रिका के लिए नए नहीं हैं। उनकी कुछ कविताएं (उनके संक्षिप्त परिचय के साथ) आप यहाँ और...
अखिल मित्तल*  राजेन्द्र भट्ट की पुस्तक का यह शीर्षक सुखद लगा। यह विश्व प्रसिद्ध आह्वान गीत 'वी शैल ओवरकम' की पंक्तियों से प्रेरित है। हिन्दी के प्रतिष्ठित  कवि गिरिजाकुमार माथुर द्वारा किए सरस-ओजस्वी रूपांतर ‘हम होंगे कामयाब’ ने...
ओंकार केडिया* ओंकार केडिया जो यदा-कदा आपकी इस वेब-पत्रिका में अपना योगदान देते रहते हैं, अपने दो कविता-संग्रहों के प्रकाशन के बाद अब एक व्यंग्य-संकलन को लेकर आ रहे हैं। शीघ्र-प्रकाश्य यह संकलन "मल्टीप्लेक्सस...
Introducing a recently published book on healthcare Vidya Bhushan Arora* Besides Roti, Kapda aur Makan, healthcare is one of the most vital determinants of people’s wellbeing. India, like other countries...
Mayank Agrawal* There is a visible trend among the modern Indian authors to pick themes from the ancient Indian literature and the popular legends, and present them differently with their own interpretation of the...
राजेंद्र भट्ट* समुदायों, राज्यों से लेकर राष्ट्र-राज्यों की लंबी राह को जब हम पुरातात्विक, लिखित तथा वाचिक भाषाई संदर्भों और दस्तावेजों के  वैज्ञानिक  अनुशासन के साथ -  विभिन्न शासकों-राजवंशों और शासन-प्रणालियों के  मील-पत्थरों की क्रोनोलोजी में बांध...
विनोद रिंगानिया* आप किसी जगमगाते आयोजन में जाते हैं जहाँ हर कोई अपनी खास वेशभूषा से लोगों को आकर्षित करना चाहता है। लेकिन यह जगमग कहीं न कहीं एक बोरियत और ऊब पैदा करती...
मनोहर चमोली ‘मनु’ हिन्दी या यूं कहें कि हिन्दुस्तानी भाषा के सार्थक उपयोग की सरल, उपयोगी, व्यावहारिक और आसानी से उपलब्ध पुस्तकें प्रायः बहुत ही कम है। हाल ही में जाने-माने भाषाविद डॉ॰...

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