और कल्लू राम को प्यारा हो गया

सत्येन्द्र प्रकाश*  आज भी वैद्यजी खाना खा कर बाहर निकले। उनके बाएं हाथ में पानी का लोटा था और...

एक दोपहर स्टेशन की – (भाग तीन)

डॉ. शालिनी नारायणन* 'एक दोपहर स्टेशन की' कहानी का यह अंतिम भाग है। यदि आप इसके पिछले भाग पढ़ना...

डॉ वेड की डायरी – उपन्यास अंश (1)

विनोद रिंगानिया* असम में खूब चर्चित और असम के बाहर भी अपनी अच्छी पहचान बना चुके साहित्यकार विनोद रिंगानिया...

तय होगा चुनावी मुद्दा – सामाजिक न्याय या हिंदुत्व का वर्चस्व?

राजकेश्वर सिंह* देश में तीन दशक पीछे की राजनीति (33 साल पहले) को याद कीजिए, जब मंडल और कमंडल...

उपहार

सत्येन्द्र प्रकाश* बुधवार की शाम थी। प्रिंसिपल साहब के घर बच्चे तैयार हो रहे थे। बुधवार की शाम को...

एक दोपहर स्टेशन की – (भाग दो)

डॉ. शालिनी नारायणन* वैसे तो अपने आप में यह कहानी स्वतंत्र रूप से भी पढ़ी जा सकती है लेकिन...

Which Oil is the Best for Indian Style Cooking?

Manoj Pandey* Let me start with a small clarification before we start the actual discussion. If you read the...

पुस्तकांश – मल्टीप्लेक्सस में पॉपकॉर्न

ओंकार केडिया* ओंकार केडिया जो यदा-कदा आपकी इस वेब-पत्रिका में अपना योगदान देते रहते हैं, अपने दो कविता-संग्रहों के...

श्रद्धांजलि भाई जगबीर सिंह: खोना एक ‘ दाएं हाथ ‘ का

अजीत सिंह* कहावत है कि भाई आपके दाएं हाथ की तरह होता है। दुख सुख का साथी, मुसीबत में...