​श्रीमद राजचन्द्र जयंती पर विशेष गांधी जी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” में उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शक श्रीमद राजचन्द्र (रायचंद भाई) का ज़िक्र विस्तार से आता है लेकिन इसके बावजूद बहुत से लोगों को...
Manoj Pandey* India is full of temples, mostly Hindu temples (places of worship of Christianity and Islam are usually not known as temples, and Budhist and Jain temples are much less common).
*सुज्ञान मोदी पिछले लगभग सवा वर्ष में जब से हमारे देश में कोविड-19 के मामले बढ्ने लगे हैं, समाज के प्रबुद्ध जनों के समक्ष एक बार फिर से सेवा और परोपकार से सीधे...
- Dr Jitendra Ramprakash* Yoga! Mention the word and it is likely that what comes to mind first, are the images of people practising Asanas and Pranayama.
Bhaswati Seal* In ancient times our ancestors in India envisioned the journey of our life over four stages, called Ashrams, which were a natural evolution in the life of an individual based on...
डॉ प्रकाश थपलियाल* वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास कृत रामचरित मानस के रचनाकाल में लगभग साढ़े छः हजार साल का अन्तर है। वाल्मीकि रामायण जहां आज से करीब सात हजार वर्ष पहले रची गई...
‘महात्मा के महात्मा’ - सुज्ञान मोदी की पुस्तक का परिचय अगर आपसे प्रश्न किया जाये कि महात्मा गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शक कौन थे तो शायद आप  उन शख्सियत का नाम ना ले...
–*इन्दु मेहरा वो संकरी गलियां जहां लम्बे अरसे से चहल-पहल रही है, रौनक रही है, हैरानी है आज वहाँ क्यूं इतना सन्नाटा छाया है, जैसे दिन में ही अंधेरा हो। या क्या हो गया...
सिद्धार्थ जगन्‍नाथ जोशी* यह लेख विशेष आग्रह के साथ मंगाया गया है कि हमारे अध्यात्म के कॉलम में धर्म और राजनीति के प्रश्न पर दक्षिणपंथी मत भी आ सके। हालांकि लेखक ने वर्णाश्रम...
–*इन्दु मेहरा ‘‘बारूद के इक ढेर पर बैठी है ये दुनिया.........’’ ध्यान नहीं किस कवि की ये पंक्तियाँ हैं जो आज मानस पटल पर बार-बार उभर आती हैं। दो दिन पहले कश्मीर में हुई अमानवीय दर्दनाक दुर्घटना यूं...

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