राजेन्द्र भट्ट इस कोरोना-काल में ऐसे वाकये से बात शुरू करना अच्छा लग रहा है जिससे दुष्यंत कुमार की पंक्तियाँ याद आ गईं– ‘इस अंधेरी कोठरी में एक रोशनदान है।’ ये रोशनदान नोएडा...
ओंकार केडिया परिंदों! मत इतराओ इतना और भ्रम में मत रहना कि यह दुनिया अब हमेशा के लिए तुम्हारी हुई!
Sudhirendar Sharma* In the corona times of social distancing, to remain calm while strengthening human bonding is critical. But how to do so when no one even dares to...
पार्थिव कुमार* कोविड 19 की वैश्विक महामारी का मुकाबला करने में डॉक्टरों और अन्य चिकित्साकर्मियों का किरदार सबसे अहम है। वे दवाओं, उपकरणों और अन्य संसाधनों की घोर तंगी के बावजूद अपनी जान...
ओंकार केडिया* एक उदास सी चिड़िया वक़्त-बेवक्त कभी भी आ जाती है मुझसे मिलने, मेरा हाल जानने!
आज की बात इस स्तंभकार को कोरोना की देश में चिंता शुरू होते ना होते ये समझ आ गया था कि वह इस विषय पर कुछ नहीं लिख सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने...
Sudhirender Sharma Lockdown is testing human endurance. Isn’t it? Never before have humans been caged, and never have rest in the animal kingdom being free. Wow, what a time these ‘others’ have? Good...
राजेन्द्र भट्ट 14 अप्रैल को डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर की जयंती है। कहाँ से शुरू करें? इतना विराट-बहुआयामी व्यक्तित्व; और कितना कुछ उनके व्यक्तित्व-कृतित्व के हर पक्ष पर, हर नजरिए से कहा जा चुका...
‘महात्मा के महात्मा’ - सुज्ञान मोदी की पुस्तक का परिचय अगर आपसे प्रश्न किया जाये कि महात्मा गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शक कौन थे तो शायद आप  उन शख्सियत का नाम ना ले...
राजेन्द्र भट्ट नक्कारखाने में तूती – 6 लंबे अंतराल तक किसी अनिष्ट की आशंका जैसी जड़ता-हताशा मन पर छाई थी। मित्र लोगों की प्रेरणा, दिलासों और फिर थोड़ा चिढ़े हुए उलाहनों...

RECENT POSTS