राजकेश्वर सिंह* देश के मौजूदा सारे संकट एक तरफ़ हैं, लेकिन एक नया संकट इन दिनों जेरे बहस है।  इस बहस की धार दिनों-दिन तेज़ होती जा रही है। सवाल बढ़ते जा रहे...
जयशंकर गुप्त* नियति बहुत ही क्रूर और निष्ठुर होती है. उसे क्या पता कि देश और समाज को किसकी कितनी जरूरत है. उसने बीते दो दिनों के भीतर जन सरोकारों से जुड़े सामाजिक...
Vijay Singh* COVID-19 has affected the global economy adversely in every sector including tourism .The rapid spread of coronavirus crippled domestic and trade activities, and disrupted routine activities of many nations bringing their...
सिद्धार्थ जगन्‍नाथ जोशी* समाज और राज्य – ये दो तंत्र ऐसे हैं जो प्रकृति के विरुद्ध सर्वाधिक अराजकता पैदा करते हैं। सुनने में अटपटा लगेगा, लेकिन सबसे सफल अराजक तंत्र ही संरक्षित रह...
Archana Datta* As the world reels under the devastating consequences of the COVID-19 pandemic, the Global Gender Gap Report, 2021, revealed that it created ‘new barriers and asymmetry between men and women…even...
राजेंद्र भट्ट* मीडिया यानि जो संवाद कराए, अकेलेपन को तोड़े और इकतरफा सोच ओर पूर्वाग्रह से बाहर निकाल कर एक समग्र, सुकून देने वाली समझ बनाए। लेकिन हमारे दौर का जो ‘सोशल’ और...
राजकेश्वर सिंह* भारत के मामले में इस सच्चाई से सभी वाकिफ हैं कि देश में ज़्यादा बेहतर सभी चिकित्सा सुविधाएं महानगरों और शहरों में ही हैं। ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं का शुरू...
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी एक सीमा से आगे उनके फैसलों में दखल देने की स्थिति में नहीं होता था। मुख्यमंत्री के रूप में उनके राजधर्म न निभाने पर...

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