डॉ गोपाल कृष्‍ण* भारत सरकार सभी प्रकार के एस्बेस्टस के खनन और एस्बेस्टस कचरे के व्यापार  पर प्रतिबंध को लेकर ज़रूरी सहमति बनाने में नाकाम रही है। उसने जिनेवा बैठक में हानिकर रसायनों की संयुक्त...
अखबारों से – 10 अंग्रेज़ी अखबारों में गठबंधन सरकारें बुरी नहीं होती बल्कि कई मायनों में बेहतर होती हैं, यह विमर्श लगातार चल रहा है। आज भी कम से कम दो अखबारों में इस विषय...
आज की बात आज जब Twitter पर ये खबर देखी कि प्रज्ञा ठाकुर (इनके नाम के पहले साध्वी लगाना मुझे अच्छा नहीं लगता – मैं एक सामान्य हिन्दू हूँ और जिस तरह...
आज की बात बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो बहन मायावती ने कल अपने वक्तव्य में एक ऐसी बात कही जो हमारी नज़र में महत्वपूर्ण थी लेकिन किसी भी अखबार की सुर्खी नहीं बन पाई। अगर आप...
अखबारों से – 9 आज के इकॉनॉमिक टाइम्स में संजय हजारिका का मुख्य-लेख है जिसका निहितार्थ यही है कि भारत जैसे जटिल देश के लिए एक मिली-जुली सरकार ही सर्वश्रेष्ठ साबित हो सकती है...
मनोज पांडे*  इस पोस्ट में मैं आपस में जुड़ी तीन बातों पर चर्चा करूंगा: ब्लॉगिंग है क्या, इसके क्या फायदे हैं और सरल तरीके से ब्लॉग बनाया कैसे जाए.  तो चलिए शुरू...
आज की बात अगर आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो पिछले दिनों डॉ सुनयना का नाम आपने खूब सुना होगा। नहीं सुना होगा तो आप सोच रहे होंगे कि हम किसी सफल और...
Sudhirendar Sharma* Many strange situations have confirmed that life is indeed a paradox, rather a bundle of paradoxes. Like most of you, there was often little on offer when I pushed myself hard but was...
Sudhirendar Sharma* I often wonder if we value a ‘moment’ (पल) as much or more than every other aspect of existence! While time does hold due importance, पल disappears before we even think about it. But...
अखबारों से – 8 मांग में कमी अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर आर्थिक खबरों का प्रतिष्ठित दैनिक HT मिंट अपने गंभीर और गहरे लेखों के लिए जाना जाता है। उसने...

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