पारुल हर्ष बंसल* दस्तक बदला-बदला और अजनबी सा है रुख हवाओं का...आंधियों की हो चुकी है दस्तक....बंद करना दरवाज़े और  खिड़कियों का  लाज़मी...
Ajeet Singh* (Radio-Vaani 2) World media had assembled in Simla (now Shimla) for the coverage of the historic Simla Summit between India and Pakistan in July 1972...
क्षणिकाएं १- एक पंक्ति जब मचाती हैअंतर्द्वंद मध्यरात्रिभोर तक उसकादम घुट चुका होता है२-बड़ी बेचैन थी वो पंक्तिखुद को पन्ने परन्योछावर करने कोऔर अपनी काया परचित्रकारी पाने को३-पंक्तियों का पंक्तिबद्ध ना होनाअर्थ के अनर्थ...
Ajeet Singh* (Radio-Vaani 3) The CRPF inspector saluted me as he entered my office at Radio Kashmir Srinagar, in tow with two women constables. I knew him well. He was...
विपुल मयंक* असलम का दोस्त था इरफ़ान। पकिया। दोनों क्लास दस में थे - एक ही स्कूल में! असलम की कोठी के बग़ल में थी इरफ़ान की कोठी। दोनों कोठियों के बड़े अहाते...
संकल्प घूम-घूम कर आता है  वह ज़िद्दी मच्छर, भिनभिनाता है  मेरे कानों के पास, जैसे बजा रहा हो 
विपुल मयंक* प्रिंसि का ऑफ़िस भरा था – खचाखच। टीचर्स, डीन, स्टूडेंट्स यूनियन के मेंबर्स, प्रिन्सपल खुद और था एक्यूसड् – आलोक जोशी।    आलोक कॉलेज का फेमस डिबेटर था। कल हॉस्टल...
राजेन्द्र भट्ट* राजेन्द्र भट्ट नए-नए साहित्यिक प्रयोग करते रहते हैं। उनकी प्रयोगशाला हमारी वेबपत्रिका है। अभी दो-चार रोज़ पहले उनका ऐसा ही प्रयोग "मूली लौट आई" के साथ...
बिना किसी पूर्व-चेतावनी के हुए लॉक-डाउन ने देश के बड़े शहरों में रह रहे दिहाड़ी मज़दूरों को जिस तरह अचानक बेघर कर दिया और उन्हें जिन हालातों में पैदल ही सैंकड़ों मील चलकर अपने घरों को लौटना...
ज्योति शर्मा* काली मैना (ससुराल से वापस आने के बाद एक बेटी कीअपनी माँ से बातचीत ) संस्कारों की पोटली इतनी भारीकि उसको ढोते-ढोते मैंने...

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