राजकेश्वर सिंह*
‘राजनीति में हमेशा दो और दो का जोड़ चार ही नहीं होता’। यह कहावत काफी चर्चित है और सियासत में कई बार इसकी नजीर देखने को भी मिलती है। इन दिनों देश...
राजकेश्वर सिंह*
“सरहदों पर तनाव है क्या, कुछ पता तो करो चुनाव है क्या”, मरहूम शायर राहत इंदौरी का यह शेर देश की मौजूदा सियासत पर काफी हद तक सटीक बैठती है। सटीक...
राजकेश्वर सिंह*
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव व इसी साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर आमने-सामने की लड़ाई की तस्वीर कमोबेश साफ हो गई है। एक तरफ केंद्र...
राजकेश्वर सिंह*
देश की राजनीति के मौजूदा दौर में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जिस तरह की तलवारें खिंची हैं, वह काबिले-गौर है। वैसे तो सत्ता और विपक्ष के बीच एक-दूसरे का विरोधी होना कोई...
अजय तिवारी*
राजनीति में कटुता बढ़ती ही जा रही है जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सरकारी आवास रिक्त कराना सिर्फ एक बंगले का मामला...
अजय तिवारी
लगभग सारे विपक्षी दल एकता के पक्षधर हैं। दरअसल विपक्षी दल जान रहे हैं कि अगर 2024 में नरेंद्र मोदी के चेहरे वाली भाजपा को नहीं हराया गया तो उनके राजनीतिक...
Dheep Joy Mampilly*
This article deals with some issues relating to the Indian bureaucracy. The question “Has the IAS Failed the Nation” refuses to go since decades despite the fact that scores of social...
राजकेश्वर सिंह*
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव के नतीजों ने देश में राजनीति के एक नए विमर्श को केंद्र में ला दिया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में जिस...
राजकेश्वर सिंह*
वजह भले ही कोरोना महामारी हो, लेकिन लोकतंत्र के चुनावी महापर्व में जन प्रतिनिधि बनने की चाहत रखने वालों को अब जनता से सीधे ही रूबरू होना ही होगा। उन्हें उनके आमने-सामने...
Onkar Kedia*
Day in and day out, we keep hearing stories of unscrupulous builders, cheating hapless consumers. The Amrapali case being handled by Hon’ble Supreme Court is an example. In several Amrapali projects in...